Wednesday, 20 May 2020

अधूरी प्रेम कहानी


एक लड़का जो उस रोज परीक्षा हॉल से निकल पेपर कॉलेज के मेन के पास अपने दोस्त के इंतज़ार में खड़ा था.प्रश्नपत्र को आगे पीछे पलट कर वह नम्बरों का हिसाब लगा था साथ ही साथ वह परीक्षा आयोजित करने वालों पर गुस्सा भी कर रहा था.

वो खुद से खीझ मन ही मन कर कह रहा था- याररर पेपर तो बढ़िया गया है बस आखरी प्रश्न छूट गया.कितने लापरवाह है ये संस्थान वाले पूरा एक प्रश्न मिस्प्रिंट है ये आखिरी मिनटों में उसे ठीक कराने आये थे.
थोड़ा चिंतित पर बीती बातों पर मिट्टी डालते हुए वह जमा मोबाइल वापस लेकर जैसे ही गेट पर आया कि तब तक उसका दोस्त आ गया.दोस्त के साथ में एक लड़की भी थी,बेहद खूबसूरत.

दोस्त की बातों का सिर्फ हाँ में जवाब देते हुए,लड़का लगातार उसकी तरफ देखता रहा.बस देखता ही रहा. वक्त मानो कुछ देर के लिए वक्त थम सा गया था. आज उसने दूसरी दफा किसी लड़की को जी भर देखा था.पहली दफे उसने अपनी क्लास की लड़की को इस तरह देखा था.दोनों ने परीक्षा से सम्बंधित की थोड़ी देर कुछ बात की और तब तक अगली पाली की परीक्षा का समय हो गया.

लड़के ने दोस्त और लड़की  से कहा- बेस्ट ऑफ लक अच्छे से लिखना.
उस "अच्छे से लिखना" में भविष्य की तमाम संभावनाओं का सार था.जो कि उसने लड़की को देखते ही आगे के रिश्ते में तलाशनी शुरू कर दी थी.
जैसे तैसे दिन बीते. तीनों मतलब लड़का,लड़के का दोस्त और वो लड़की तीनो परीक्षा में सफल हुए. अब बारी थी परीक्षा के अगले चरण की.

दोनों का एक ही दिन इंटरव्यू था. बस समय बदला हुआ था. लड़के का इंटरव्यू पहले था. लड़के का इंटरव्यू खत्म हुआ वो बस लड़की ले इंतज़ार में था.वो आगयी और उसके के इंटरव्यू में अभी समय था. तीनों कैम्प्स के पुस्तकालय में बैठ गए.
लड़के ने मेहनत से तैयारी की थी.जब भी लड़की कुछ जरूरी टॉपिक पर बात करती लड़का तुंरत ही उसे वो टॉपिक क्लियर कर देता.प्रेम चीज ही कुछ ऐसी की मस्तिष्क की स्मरण शक्तियों को चार गुना कर देता है. फिर भी अगर उसे नही पता होता तो झट से इंटरनेट से निकाल कर दे देता. लड़की मोबाइल पर वो पढ़ती रहती और लड़का एक टक नजरों से उसके चेहरे पर न जाने क्या पढ़ने की कोशिश करता रहता.लड़के की आँखों मे उस लड़की के लिए अथाह समंदर जितना प्रेम था. जिसमें वो बार बार गोते लगाए जा रहा था.

इंटरव्यू के बाद तीनों ने कैम्पस की कैंटीन में चाय पी लड़के और उसके के मना करने पर भी बिल लड़की ने भरा.अब वो तीनों दोस्त थे.वो तीनो वापस अपने शहर आ गए और अंतिम परिणामों का इतंजार करने लगे.

कुछ एक दिन बीतने के बाद लड़के के इंस्टा पर एक नोटिफिकेशन आया. Someone follows you. लड़का खुशी से पागल था.तुरंत फॉलो बैक करके प्रोफाइल की अंतिम पोस्ट तक गया.

परीक्षा का परिणाम आया तो असफल थे. तीनों ने एक दूसरे को सांत्वना दी. लड़का और इसका दोस्त दुःखी था.लड़की ने दोनों को समझाया परेशान न हो जिंदगी पड़ी.इस बार नही अगली दफा. जब भी चलेंगे साथ चलेंगे.

प्रेम में गजब की कन्वेनसिंग पावर होती है.दुनिया भर के लिए न सही पर प्रेमी युगल एक दूसरे के लिए जेठ की दुपहरी में भी बसन्त ला सकते हैं.

लड़का उसे अपनी लिखी प्रेम कविताएं भेजता उसे पसंद भी आती. पर वो कविताएं सिर्फ कविताएं ही रही. प्रपोजल न बन सकीं.

दिन बीते,रातें हुई,बातें हुई. कुछ प्रोफेशनल और कुछ पर्सनल.एक दूसरे के विषय मे सब कुछ जान लेने के बाद भी उनमें एक दूसरे को खो देने के डर से असल बात न हुई.
आज भी वो लड़का उस लड़की से मैसेज पर बात करने के लिए रातों रात जगता है और लड़की मैसेज भी करती है.हाल-चाल,कहानी,कविताएं,शायरियाँ दोनों तरफ से आती है. सराही भी जाती हैं.

पर प्रेमाग्रह के जिन पवित्रम शब्दों को पढ़ने के लिए दो जोड़ी आँखे रातों रात मोबाइल पर टिकी रहती हैं और हर सुबह सूजी रहती हैं.उन दोनों में से किसी का भी मस्तिष्क उनकी उंगलियों को वो टाइप करने का इशारा नही कर रहा हैं.
उन दोनों को जितनी जल्दी हो सके ये समझ लेना चाहिए कि प्रेम होने पर प्रेम को जता न पाना प्रेम को उसके क्रूरतम अंत की तरफ ले जाना है.







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